एक धाविका से प्रेम की कविता... एक धाविका से प्रेम की कविता...
वह प्रेमी जो था प्रारम्भ से ही तुम्हारा तुम्हारे अंदर का 'स्व'। वह प्रेमी जो था प्रारम्भ से ही तुम्हारा तुम्हारे अंदर का 'स्व'।
आपसी प्रेम और विश्वास के संबंधो को, क्या ,हम सचमुच निभा रहे हैं ? आपसी प्रेम और विश्वास के संबंधो को, क्या ,हम सचमुच निभा रहे हैं ?
काश! वो खत पढ़ लिया होता मैंने लिख दिया होता तुम्हें जवाब, अब तो बहुत देर हो चुकी है काश! वो खत पढ़ लिया होता मैंने लिख दिया होता तुम्हें जवाब, अब तो बहुत देर...
शीशे के कुछ रंगीन टुकड़े, बारी-बारी से , अपने आँखों पे लगा, वो देख रहा था। शीशे के कुछ रंगीन टुकड़े, बारी-बारी से , अपने आँखों पे लगा, वो देख रहा थ...